बार एसोसिएशन पदाधिकारियों ने जनपद न्यायाधीश को लिखा पत्र

गाजियाबाद। कोरोना महामारी के कारण संपूर्ण भारत में लॉक डाउन 25 मार्च 2020 से लागू है। इससे पूर्व 23 मार्च 2020 व 24 मार्च 2020 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लॉक डाउन घोषित किया था । तभी तो जनपद न्यायालय बंद चल रहा है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय भारत नई दिल्ली के आदेश अनुसार 7 वर्ष तक की सजा वाले 15 मार्च 2020 तक विचारधीन बंदियों को जिला जेल से न्यायालय खुलने तक रिहा किया जा चुका है। किंतु उसके बाद से जेल में निरुद्ध किए गए विचारधीन बंदियों के कारण जेल में क्षमता से अधिक कैदी बंद है। अधिवक्ता द्वारा 21 मार्च 2020 माननीय न्यायालय में दाखिल जमानत प्रार्थनापत्र विचारधीन होने से भी काफी बंदी जेल में निरुद्ध है और अधिवक्ताओं के समक्ष भी अपनी आजीविका चलाना कठिन हो रहा है । अधिवक्ता समाज को किसी भी सरकारी या गैर सरकारी संगठन से कोई सहायता नहीं मिल रही है। ऐसी स्थिति में माननीय उच्च न्यायालय से जनपद न्यायालय में विचाराधीन जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई हेतु भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निदेर्शों का पालन कराते हुए क्रमवार सुनवाई की जानी अत्यंत आवश्यक है। बार एसोसिएशन गाजियाबाद इसके लिए निम्न सुझाव प्रस्तुत करती है। 1. यह कि अजमानतीय अपराध में बंद विचाराधीन बंदियों के जमानत प्रार्थना पत्र जो माननीय सत्र न्यायालय में विचाराधीन हैं उनकी सुनवाई हेतु 2 सत्र न्यायाधीश क्रमवार सुनवाई हेतु बैठक जाएं तथा न्यायालय में केवल पीठासीन अधिकारी रीडर स्टेनो को ही प्रवेश दिया जावे तथा जिन अधिवक्ता का केस है उन्हें ही न्यायालय में बुलाया जाये। 2. यह की रिमांड मजिस्ट्रेट ड्यूटी मजिस्ट्रेट के अलावा दो अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय भी क्रमवार जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई एवं जमानत नामें स्वीकृत करने हेतु खुलवाएं जाये। 3. यह कि न्यायालय में व्हाट कारीगरों कार्य मुंशी का प्रवेश निषेध किया जाये। 4. यह कि मैं कक्षों का सैनिटाइजेशन वे उचित दूरी कम से कम 2 गज की शारीरिक दूरी की व्यवस्था कराई जाये। 5. यदि संभव हो तो वीडियो कॉलिंग के जरिए अधिवक्ता गण को जमानत प्रार्थना पत्र सुनाया जाये। 6. जिस अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र पूर्व में प्रस्तुत कर रखा है उसे सुनवाई हेतु 1 दिन पूर्व मैसेज के जरिए अवगत कराया जाये। बार पदाधिकारियों ने जनपद न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा को पत्र भेजकर उक्त के संबंध में कदम उठाने का आग्रह किया है।